माता का हाँथ पकड़कर रखिए.!! लोगों के पाँव पकड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी.!!
यूँ ही नहीं झुकती दुनिया तेरे दर पे.!! तकदीरें बनती हैं मैया तेरे दर पे.!!
दूर करे भय भक्त का,दुर्गा माँ का रूप.!! बल और बुद्धि बढ़ाये,माँ देती सुख की धूप.!!
माता जिनको याद करे वो लोग निराले होते हैं.!! माता जिनका नाम पुकारे किस्मत वाले होते हैं.!!
लोगों ने कुछ दिया तो सुनाया भी बहुत हैं, हे माँ दुर्गे.!! एक तेरा ही दर हैं जहाँ मुझे कभी ताना नहीं मिला.!!
ना गिन कर दिया ना तोल कर दिया.!! जब भी दिया शेरोंवाली माँ ने, दिल खोल कर दिया.!!